
बॉलीवुड में परिवर्तन का दौर आ गया है। अब नए और अनोखे कांसेप्ट पर फिल्मों का निर्माण हो रहा है जो हृदयस्पर्शी और सत्यता की निकटता लिए होते हैं, ऐसी ही एक फिल्म बनी है जिसका नाम है ‘अनवुमन’। इस फिल्म में समाज की कुछ वीभत्स मानसिकता को दर्शाया है। समाज आज भी समलैंगिक विवाह को अपना नहीं पा रहा है। ‘अनवुमन’ फिल्म का मुख्य केंद्र एक ट्रांसजेंडर की प्रेम कहानी है। जिसे कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।
इस फिल्म की अभिनेत्री कनक गर्ग हैं जिन्होंने इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाया है। उनसे खास बातचीत में उन्होंने फिल्म से जुड़े कुछ रोमांचित पलों से पर्दा उठाया और फिल्म से उनका जुड़ाव कैसे हुआ इस बात को बताया है। कनक की यह पहली फिल्म है लेकिन वह रंगमंच से जुड़ी हुई है। वह अपने स्कूल लाइफ से ही रंगमंच में अभिनय करना शुरू कर दी थीं। उनकी पसंदीदा अभिनेत्रियां स्मिता पाटिल और नंदिता दास हैं जो सशक्त भूमिका के लिए पहचानी जाती हैं। वह फिल्म के बारे में बताती है कि यह एक ट्रांसजेंडर की कहानी है जो कि लड़कियों की तरह जीवन जी रही थी। बिहार के निर्धन परिवार में रही और शोषित भी हुई। उसे बेच दिया गया और राजस्थान के एक परिवार ने उसे खरीद कर अपने बेटे से उसकी शादी करवा दी क्योंकि उसके बेटे के लिए लड़की नहीं मिल पा रही थी। शादी के दिन ही उसके पति को पता चल जाता है कि वह एक लड़की नहीं है ट्रांसजेंडर है और यहाँ से उसके दुखों का सफर शुरू हो जाता है लेकिन साथ रहते हुए उसे उसके पति से प्यार हो जाता है। इसमें इंटरसेक्स को दर्शाया गया है और यह भी दिखाया गया है कि समाज कैसे प्यार को लिंग के आधार पर ही देखता है प्रेम की पराकाष्ठा को नहीं समझता क्योंकि प्रेम लिंग को नही देखता प्यार तो प्यार ही होता है। इस पूरे कहानी को बड़ी खूबसूरती से निर्देशक पल्लवी रॉय ने दर्शाया है। कनक ने बताया कि कैसे पल्लवी ने फिल्म में दर्शाए गए सीन को बारीकी से समझा कर फिल्मांकन किया है। फिल्मांकन से पूर्व ही सारी बारीकियों से वह अवगत थी और अपने कलाकारों को पूरा कांसेप्ट सही ढंग से समझाया।
मुख्य अभिनेत्री के रूप में अनवुमेन फिल्म कैसे मिला इसके बारे में कनक ने बताया कि फिल्म ऑडिशन के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने अपना वीडियो ऑडिशन टीम को भेजा मगर टीम की ओर से कोई रेस्पॉन्स नहीं आया। टीम ने किसी दूसरे कलाकार को फिल्म के लिए कास्ट कर लिया लेकिन दो महीनों बाद उनको पुनः ऑडिशन के लिए कहा गया और उनको स्क्रिप्ट दिया गया। स्क्रिप्ट अनुसार उन्होंने ऑडिशन की वीडियो क्लिप बनाई और टीम को भेज दिया और अंततः कई कड़ियों के बाद उनका चयन हो गया। वीडियो मीटिंग के द्वारा ही उनको फिल्म की संकल्पना बताई गई और फिल्म निर्माण शुरू हुआ। फिल्म की कहानी से प्रेरित होकर वह आठ घंटों तक राजस्थानी लिबास में ही रहा करती थी। फिलहाल वह अपने अभिनय कला को निखारने के लिए ट्रेनिंग भी ले रही हैं।
- संतोष साहू