मुंबई : शिवसेना (उद्धव गुट) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण ने कोविड सेंटर घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रहे ईडी के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया।
वह सोमवार दोपहर दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। जांच एजेंसी ने व्यवसायी सुजीत पाटकर के खिलाफ कोविड सेंटर घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में 21 जून को मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी ने चव्हाण को अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था।
पाटकर को माना जाता है संजय राउत के नजदीकी
पाटकर को शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत का नजदीकी माना जाता है। चव्हाण अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल पर स्वयं को शिवसेना का सचिव और युवा सेना की कोर कमेटी का सदस्य बताते हैं।
फर्जी तरीके से हासिल किए ठेके
अधिकारियों के अनुसार, चव्हाण के आवास, मुंबई नगर निकाय के कुछ अधिकारियों और आइएएस अधिकारी संजीव जयसवाल सहित अन्य के ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे। कहा गया था कि ईडी ने छापेमारी के दौरान 2.4 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण एवं और 68 लाख रुपये की नकदी की थी। पाटकर और उनके तीन साझेदारों ने महामारी के दौरान कोविड-19 फील्ड अस्पतालों के प्रबंधन के लिए मुंबई नगर निकाय के ठेके फर्जी ढंग से हासिल किए।
पिछले साल दर्ज हुआ था मामला
मुंबई पुलिस ने पिछले साल अगस्त में लाइफलाइन हास्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज फर्म, पाटकर और उनके तीन भागीदारों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए मामला दर्ज किया।