मुंबई : मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर सबसे लंबी सुरंग-2 की खुदाई का कार्य पुर्ण हुआ
मुंबई, 7 जून, 2024 – मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) ने मुंबई शहरी परिवहन परियोजना 3 (एमयूटीपी-3) के तहत पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना के हिस्से के रूप में, मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क की सबसे लंबी सुरंग, सुरंग-2 (वावरले सुरंग) की खुदाई का कार्य सफलतापूर्वक पुर्ण कर लिया है।
परियोजना अवलोकन
पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना में तीन सुरंगों का निर्माण शामिल है, जिनकी कुल लंबाई 3164 मीटर है:
- सुरंग-1 (नधल सुरंग): 219 मीटर
- सुरंग-2 (वावरले सुरंग): 2625 मीटर
- सुरंग-3 (किरावली सुरंग): 320 मीटर
माइलस्टोन उपलब्धि
वावरले सुरंग की भूमिगत खुदाई 22 फरवरी, 2023 को शुरू हुई थी और आज, 7 जून, 2024 को एमआरवीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सुभाष चंद गुप्ता, निदेशक (परियोजनाएं) श्री आर.के. श्रीवास्तव, ईडी (तकनीकी) श्री विलास वाडेकर, सीवीओ श्री बी.के. गंगटे, जीएम (सिविल) श्री विनोद भंगाले और परियोजना के निर्माण में शामिल अन्य प्रमुख कर्मियों की उपस्थिति में इस कार्य को पुर्ण किया गया। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि लॉजिस्टिकल चुनौतियों और जटिल भूवैज्ञानिक परिस्थितियों के बावजूद परियोजना के निष्पादन में एक बहुत बड़ा कदम है।
निर्माण पद्धति
वावरले सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि (NATM) के अनुसार किया गया, जिसमें उत्खनन का साइक्लिक सीक्वेंस शामिल है, जिसके बाद प्राथमिक समर्थन और डिलेड सेकेंडरी लाइनिंग की स्थापना की जाती है। इनके मुख्य पहलु निम्नलिखित हैं:
- प्राथमिक लाइनिंग: तत्काल समर्थन और स्थिरता के लिए वायर मेष और रॉक बोल्ट द्वारा संचालित शॉटक्रीट।
- उत्खनन तकनीक: इंस्ट्रूमेंटेशन और 3 डी मॉनिटरिंग का उपयोग करके अवलोकन पद्धति के साथ ड्रिल और ब्लास्ट।
सुरंग की विशिष्टताएँ
वावरले सुरंग में बलास्ट लैस ट्रैक रहेगा और इसमें सार्वजनिक शरण क्षेत्र, सुरंग नियंत्रण प्रणाली, प्रकाश व्यवस्था, अग्निशमन प्रणाली और समकालीन अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली वेंटिलेशन प्रणाली शामिल हैं। अतिरिक्त विशिष्टताएँ: - ऊँचाई: 7.323 मीटर
- रेल स्तर पर चौड़ाई: 13.282 मीटर
- तैयार क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्र: 89.99 वर्ग मीटर
- ढाल: 254.623 में R 1 और 243.668 में F 1
- वक्रता की डिग्री: 805 मीटर की वक्र लंबाई के साथ 1-D (एक डिग्री)
चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ
खुदाई के दौरान, महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें पानी के रिसाव के साथ खंडित चट्टान द्रव्यमान और न्यूनतम आवरण (12 मीटर से कम) शामिल थे। दो जल धाराएँ कम आवरण क्षेत्र में सुरंग संरेखण को पार करती हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, सावधानीपूर्वक योजना के माध्यम से प्रति माह 175 मीटर की औसत भूमिगत खुदाई का कार्य किया गया, जिसमें दिन के समय प्रतिदिन दो बार विस्फोट किया गया क्योंकि रात के समय विस्फोट की अनुमति नहीं थी।
सहयोगात्मक प्रयास
इस परियोजना में कई संस्थाओं के बीच सहयोग प्राप्त हुआ:
प्रौद्योगिकी भागीदार: CSIR-CIMFR ने रॉक ब्लास्टिंग प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।
डिजाइन और ड्राइंग कार्य: मेसर्स AECOM
सामान्य सलाहकार: मेसर्स RODIC-ARTELIA (JV)
निष्पादन एजेंसी: मेसर्स SDPL-TIPL-JMMIPL (JV)
भविष्य की संभावनाएँ
सुरंग-2 की सफलता पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना में एक प्रमुख माइलस्टोन है, जो मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी और परिवहन दक्षता का मार्ग प्रशस्त करती है।