
500 मिलियन डॉलर से बनेगा कजाकिस्तान में विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी
नई दिल्ली/लंदन। एसआरएएम और एमआरएएम (SRAM & MRAM) ग्रुप जो फिनटेक, हेल्थकेयर, एआई, खेती, और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में काम करता है। इस कंपनी ने अपनी 30वीं वर्षगांठ का उत्सव लंदन में बड़े धूमधाम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया। इस विशेष अवसर पर एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की घोषणा की गई।
भारत के मोंट वर्ट ग्रुप और कजाकिस्तान की बिग बी कॉर्पोरेशन एक साथ समझौता कर अब कजाकिस्तान में एक विश्वस्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी और अस्पताल बनाएंगे। इस परियोजना पर करीब 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे।
यह समझौता अजय भंडारी (बिग बी कॉर्पोरेशन के निदेशक) और महेंद्र जोशी (एसआरएएम और एमआरएएम ग्रुप के निदेशक) की अगुवाई में हुआ। इस समझौते में परियोजना की संरचना, क्रियान्वयन, नेतृत्व, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और रणनीतिक अंतरदृष्टि महत्वपूर्ण थी। इस पूरे प्रोजेक्ट को सफल बनाने में भारत से एसआरएएम और एमआरएएम इंडिया के निदेशक नितिन गुप्ता ने भी अहम भूमिका निभाई।
इस यूनिवर्सिटी के निर्माण की ज़िम्मेदारी पुणे के मोंट वर्ट ग्रुप को दी गई है, जो पिछले 30 वर्षों से रियल एस्टेट में काम कर रहा है।
मोंट वर्ट ग्रुप के चेयरमैन जयंत कनेरिया और मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज कनेरिया ने अब तक 6.8 मिलियन स्क्वायर फीट की रिहायशी और व्यावसायिक इमारतें बनाई हैं।
एसआरएएम और एमआरएएम ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सैलेश लचू हीरानंदानी ने मोंट वर्ट की तारीफ करते हुए कहा, “वे भरोसेमंद और क्वालिटी के पक्के खिलाड़ी हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए वे सबसे सही साथी हैं।”
इस बड़े प्रोजेक्ट समझौते की बड़ी घोषणा लंदन के एक शानदार निजी द्वीप “रेवेन्स ऐट प्राइवेट आइलैंड” में हुई, जहाँ दुनियाभर के बड़े कारोबारी और खास मेहमान मौजूद थे। कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे जैसे जयंत कनेरिया, (चेयरमैन, मोंट वर्ट ग्रुप), नीरज कनेरिया (एमडी, मोंट वर्ट ग्रुप), अजय भंडारी (डायरेक्टर, बिग बी कॉर्पोरेशन), महेंद्र जोशी (डायरेक्टर, एसआरएएम और एमआरएएम), नितिन गुप्ता और डॉ. स्वप्निल कांबले (डायरेक्टर, एसआरएएम और एमआरएएम इंडिया)।
डॉ. हीरानंदानी ने कहा,“तीन दशकों से विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी कार्यों सुचारू ढंग से करने का उत्सव मना रहे हैं। अब नए मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ हम नए पड़ाव को पार करेंगे। हमारा सपना है कि हम हेल्थकेयर और शिक्षा के ज़रिए दुनिया में बदलाव लाएं।”
एसआरएएम और एमआरएएम (SRAM & MRAM) ग्रुप की शुरुआत 1995 में हुई थी और इसका मुख्यालय लंदन में है। आज यह 60 से ज़्यादा देशों में काम करता है और फिनटेक, एआई, खेती, हेल्थ, बायोटेक, माइनिंग और चिप्स बनने जैसे क्षेत्रों में बड़े-बड़े कार्य करता है साथ ही बड़े पैमाने पर वैश्विक परियोजनाओं को आगे बढ़ने में सहायता करता है।