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आरईसी ने घोषित किया वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम

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आरईसी ने घोषित किया वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम
आरईसी ने ₹3,773 करोड़ के साथ दर्ज किया अपना अब तक का सबसे अधिक तिमाही मुनाफा

मुंबई। आरईसी लिमिटेड ने 30 सितंबर 2023 को समाप्त दूसरी तिमाही और छमाही की अवधि के लिए अपने अलेखापरीक्षित वित्तीय परिणामों (स्टैंडअलोन) की घोषणा की है। आरईसी लिमिटेड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक ‘महारत्न’ कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। कंपनी के वित्तीय परिणाम (स्टैंडअलोन) इस प्रकार हैं:

परिचालन और वित्तीय हाइलाइट्स -Q2 FY24 बनाम Q2FY23 (स्टैंडअलोन)

■ मंजूरी: ₹1,04,366 करोड़ बनाम ₹84,889 करोड़, 23% अधिक, इसमें नवीकरणीय क्षेत्र का हिस्सा है 24%

■ डिसबर्समेंट: ₹41,598 करोड़ बनाम ₹17,827 करोड़, 133% अधिक

■ ऋण परिसंपत्तियों पर ब्याज आय: ₹ 11,213 करोड़ बनाम ₹ 9,534 करोड़, 18% अधिक

■ शुद्ध लाभ: ₹3,773 करोड़ बनाम ₹2,728 करोड़, 38% अधिक

■ कुल व्यापक आय: ₹4,188 करोड़ बनाम ₹1,915 करोड़, 119% अधिक

परिचालन और वित्तीय हाइलाइट्स -H1 FY24 बनाम H1 FY23 (स्टैंडअलोन)

■ मंजूरी: ₹1,95,163 करोड़ बनाम ₹1,44,784 करोड़, 35% अधिक, नवीकरणीय क्षेत्र का हिस्सा 26%

■ डिसबर्समेंट: ₹75,731 करोड़ बनाम ₹30,269 करोड़, 150% अधिक

■ ऋण परिसंपत्तियों पर ब्याज आय: ₹21,678 करोड़ बनाम ₹18,796 करोड़, 15% अधिक

■ शुद्ध लाभ: ₹6,734 करोड़ बनाम ₹5,176 करोड़, 30% अधिक

■ कुल व्यापक आय: ₹7,331 करोड़ बनाम ₹3,690 करोड़, 99% अधिक
एसेट क्वालिटी में सुधार, उधार दरों में वृद्धि और वित्त लागत के प्रभावी प्रबंधन के कारण, आरईसी ने ₹3,773 करोड़ का अपना अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ दर्ज किया है। परिणामस्वरूप, 30 सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही के लिए प्रति शेयर वार्षिक आय बढ़कर ₹51.14 प्रति शेयर हो गई, जबकि 30 सितंबर 2022 को यह ₹39.32 प्रति शेयर थी।
मुनाफे में वृद्धि के कारण, 30 सितंबर 2023 तक नेट वर्थ बढ़कर ₹ 63,117 करोड़ हो गई है, जो साल-दर-साल 18% की वृद्धि है।
कंपनी की लोन बुक ने अपनी विकास यात्रा को कायम रखा है और 30 सितंबर 2022 के ₹ 3.94 लाख करोड़ के मुकाबले 20% बढ़कर लोन बुक ₹ 4.74 लाख करोड़ तक पहुँच गई है। संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का संकेत देते हुए 30 सितंबर 2023 तक नेट क्रेडिट-इंपेयर्ड एसेट्स घटकर 0.96% हो गए हैं (एनपीए परिसंपत्तियों पर 69.37% के प्रोविजन कवरेज रेशियो के साथ)।

कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) 30 सितंबर 2023 तक 28.53% पर है, जो भविष्य के विकास को समर्थन देने के पर्याप्त अवसर का संकेत देता है।
अपने शेयरधारकों को पुरस्कृत करने की परंपरा को जारी रखते हुए, कंपनी के निदेशक मंडल ने ₹3.50 प्रति इक्विटी शेयर (प्रत्येक ₹10/- के अंकित मूल्य पर) का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया है और दूसरे अंतरिम लाभांश के भुगतान के लिए 13 नवंबर 2023 को रिकॉर्ड तिथि के रूप में तय किया गया है। वित्त वर्ष 23-24 के लिए कुल अंतरिम लाभांश ₹6.50 प्रति इक्विटी शेयर है (प्रत्येक ₹10/- अंकित मूल्य पर)।

सितंबर 2022 में महारत्न कंपनी बनने के बाद से आरईसी लिमिटेड ने बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर विविधता का प्रदर्शन किया है। हाल ही में, इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबन्धित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए, आरईसी ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ 55,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही, बैंक ऑफ इंडिया के साथ ₹30,000 करोड़ और ऊर्जा के पारंपरिक और नवीकरणीय स्रोतों के आधार पर बिजली उत्पादन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए ₹50,000 करोड़ के लिए एसजेवीएन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एक महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड देश की COP26 प्रतिबद्धताओं और हाल की G20 प्रतिज्ञाओं के अनुरूप भारत के ऊर्जा परिवर्तन को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में अग्रणी बनकर उभरी है। एक मजबूत दृष्टिकोण और अटूट प्रतिबद्धता के साथ, आरईसी वित्तीय वर्ष 2030 तक ₹3 लाख करोड़ की ग्रीन फ़ाइनेंस लोन बुक हासिल करने के पथ पर है। जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर, आरईसी ने आरई डेवलपर्स के साथ आमने-सामने चर्चा की, जिससे कुल मिलाकर लगभग ₹2.86 लाख करोड़ के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए गए।
ग्रीन फ़ाइनेंस संबंधी पहल को बढ़ावा देने के लिए आरईसी की महत्वपूर्ण पहल और भारत के ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका एक सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य बनाने की इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। एक तरफ हमारा देश और पूरी दुनिया एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा परिदृश्य की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, दूसरी तरफ आरईसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास और समग्र प्रगति के प्रतीक के रूप में मजबूती से खड़ा है।

रिपोर्ट – संतोष साहू

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