मुम्बई। बुद्ध पूर्णिमा तथा भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती अवसर पर मुम्बई के षणमुखानंद ऑडिटोरियम में 13वें ‘भारत रत्न डॉ. अम्बेडकर अवार्ड्स 2023’ का भव्य आयोजन किया गया। जहाँ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, अभिनेता प्रेम चोपड़ा, गायक उदित नारायण, अभिनेता राजपाल यादव की विशेष उपस्थिति रही। इस समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शामिल हुए सोशल एक्टिविस्ट व व्यवसायी लखमेंद्र खुराना को मुख्य अतिथि रामनाथ कोविंद ने अपने हाथों से अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया।
पुरुस्कार प्राप्त करने के बाद मीडिया से बात करते हुए लखमेंद्र खुराना ने बताया कि मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन मुझे भारत रत्न डॉ. अम्बेडकर अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया, वो भी भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मुझे यह ट्रॉफी मिली। मैं इस्कॉन में चेयरमैन हूँ। मुझे महाराष्ट्र रत्न से भी नवाजा जा चुका है। इस सम्मान को पाकर एक बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हो रहा है और अपने काम को और भी आगे बढाने की प्रेरणा मिलती है। मुम्बई में इस्कॉन 13 लाख बच्चों को प्रतिदिन खाना खिला रहा है। मेरे छोटे भाई को पद्मश्री मिला है। इस तरह के पुरुस्कार से हमें और अधिक सेवा करने की प्रेरणा मिलती है।
लखमिंद्र खुराना ने आगे कहा कि सभी को मैं बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देता हूँ। हमने महात्मा बुद्ध से यह सीखा है कि आप जितना ज्यादा छोड़ोगे उतना ज्यादा पाओगे। आपको घमंड और लालच छोड़ना है, जनता की सेवा करनी है। भगवान बुद्ध ने सबकुछ छोड़कर दुनिया को यह सन्देश दिया कि बुराईयों को छोड़ना है। श्रद्धा की भावना रखनी है, इंसान भगवान के जितने करीब रहेगा उसे मानवजाति की सेवा करने का जज़्बा मिलेगा। भगवान कृष्ण ने माना कि मेरी स्क्रिप्ट किसी और ने लिखी है, मुझे तो केवल एक भूमिका निभानी है। हमारी भी स्क्रिप्ट किसी और ने लिखी है तभी तो मुझ जैसा एक मजदूरी करने वाला आदमी मुम्बई में पिछले तीन दशक से रह रहा है और सैकड़ो अवार्ड हासिल कर चुका है। हम भी कुछ ऐसी भूमिका निभा कर जाना चाहते हैं जिससे समाज को नई दिशा मिले और ज्यादा लोगों को जनता की भलाई करने, सेवा करने की प्रेरणा मिले। जितना बड़ा रोल निभाउंगा उतना बड़ा मुझे सेवा का अवसर मिलेगा। हम कृष्ण जी और महात्मा बुद्ध के चरणों की धूल बन जाएं इसी तरह मानव सेवा का अवसर हमें मिलता रहे, यही मेरा सभी को सन्देश है।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लखमेंद्र खुराना का इंजीनियरिंग कॉलेज भी है। मूलरूप से उत्तरप्रदेश के रहने वाले खुराना पिछले 3 दशकों से इस्कॉन से जुड़े हुए हैं। सिर्फ मुम्बई के अंदर प्रतिदिन तेरह लाख गरीब बच्चों को इस्कॉन द्वारा खाना खिलाया जाता है। इस्कॉन के पूरे विश्व मे एक हजार से ज्यादा मंदिर हैं।
सैकड़ों अवार्ड हासिल कर चुके खुराना एक सफल व्यवसायी भी हैं, समाजसेवक भी हैं और अध्यात्म से भी गहरे रूप से जुड़े हैं।
कार्यक्रम पुणे के रहने वाले संभाजीराव सदाशिव झेंडे को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ, उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में एडमिनिस्ट्रेशन में जॉब किया है। नासिक, अहमदनगर, ठाणे, मुम्बई में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर जी के नाम का अवार्ड लेना बहुत बड़ी जिम्मेदारी का काम है, बाबा साहेब ने हमारे देश का संविधान बनाया था और आज उनके नाम का सम्मान पाना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है। अंबेडकर जी ने सभी देशवासियों को इंसाफ दिलाने का कार्य किया है। एक ऐसा समय था जब कुछ गिने चुने लोगों को ही वोटिंग का हक था आज हर भारतवासी को मतदान का अधिकार है।
13वें ‘भारत रत्न डॉ आंबेडकर अवार्ड 2023’ का आयोजन बुद्धाजंलि फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष कैलाश मासूम ने किया।
- संतोष साहू