
मुंबई – विलास सोपन वाडेकर को मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) का नया अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त किया गया है। वह सुभाष चंद गुप्ता का स्थान लेंगे, जो 31 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वाडेकर वर्तमान में एमआरवीसी में निदेशक (तकनीकी) के रूप में कार्यरत हैं और भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसई) के 1991 बैच के अधिकारी हैं।
वाडेकर ने अमरावती विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया और सभी शाखाओं में टॉप करने के लिए तीन स्वर्ण पदक अर्जित किए। उन्होंने सिविल-स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी विशिष्टता के साथ मास्टर डिग्री प्राप्त की है। भारतीय रेलवे और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) में तीन दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने परियोजना योजना, क्रियान्वयन, संचालन और प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
2019 में, वाडेकर को भारत सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जो उनकी तकनीकी दक्षता और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने रेलवे की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में प्रमुख भूमिका निभाई है, जिनमें सिविल, इलेक्ट्रिकल और सिग्नलिंग एवं दूरसंचार कार्य शामिल हैं। मुंबई उपनगरीय रेल परियोजनाओं में उनका 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनकी दूरदर्शी सोच और नेतृत्व से मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण और यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की उम्मीद है।
अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रमुख परियोजनाओं का नेतृत्व किया, जिनमें शामिल हैं:
• ठाणे-दीवा 5वीं और 6वीं लाइन: मुंबई उपनगरीय नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण परियोजना।
• उधना-जलगांव दोहरीकरण व विद्युतीकरण: रेल कनेक्टिविटी और क्षमता में वृद्धि।
• एमयूटीपी-III: विरार-दहानू चौहरीकरण और बोरिवली-विरार 5वीं एवं 6वीं लाइन परियोजनाओं के लिए योजना, डिज़ाइन और अनुमोदन में महत्वपूर्ण योगदान दिया, तथा वन स्वीकृतियाँ प्राप्त कीं।
• ट्रेसपास नियंत्रण कार्य: MUTP-2A के तहत 12 उपनगरीय स्टेशनों पर लागू किया गया, जिससे यात्रियों की सुरक्षा में वृद्धि हुई।
• तुरभे-नेरुल ट्रांसहार्बर लाइन: ठाणे और पनवेल के बीच सीधी कनेक्टिविटी।