द ताशकंद फाइल्स, द कश्मीर फाइल्स के बाद फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री अपनी अगली फिल्म “द दिल्ली फाइल्स” के साथ हलचल मचाने वाले हैं। इस फिल्म के लिए वह देश भर में ही नहीं बल्कि बाहर भी जाकर रिसर्च कर रहे हैं, ताकि दर्शकों को वह एक जबरदस्त कहानी दिखा सकें, जैसा कि वह हमेशा करते हैं। हाल ही में उन्होंने महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना के रोल के लिए पैन इंडिया कास्टिंग की घोषणा कर हर जगह एक्साइटमेंट पैदा कर दी है। ऐसे में अब उन्होंने रिसर्च के दौरान फिल्म की कहानी के बारे में थोड़ी सी जानकारी शेयर कर एक्साइटमेंट को और बढ़ा दिया है। जहां उन्होंने बंगाल के हिंसक इतिहास के एक महत्वपूर्ण चैप्टर की खोज की है।
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया पर बंगाल के हिंसा भरे इतिहास की कहानी के बारे में अपने अनुभव को शेयर किया है जो उन्होंने फिल्म के रिसर्च के दौरान पाया है। उन्होंने नेशनल म्यूजियम से अपनी एक फोटो और एक पेंटिंग भी शेयर की है, जो एक बंगाली आर्टिस्ट ने उन्हें गिफ्ट की थी। उन्होंने शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है -“#TheDelhiFiles अपडेट:
बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की ज़ुबानी।
पिछले 6 महीनों से मैं अलग-अलग शहरों और गांव में जा रहा हूं, लोगों से बातें कर रहा हूं, लोकल कल्चर और इतिहास का अध्ययन कर रहा हूं और हमारी अगली बहुत महत्वपूर्ण फिल्म के लिए बंगाल के हिंसा भरे इतिहास की जड़ को समझने की कोशिश कर रहा हूं।
बंगाल इकलौता ऐसा राज्य है जिसका दो बार विभाजन हुआ है।
बंगाल इकलौता ऐसा राज्य है जहां स्वतंत्रता से पहले और बाद में लगातार नरसंहार हुए हैं।
स्वतंत्र भारत में संघर्ष दो मुख्य राष्ट्रीय विचारधाराओं – हिंदू धर्म और इस्लाम के बीच था। बंगाल में चार मुख्य विचारधाराएँ थीं – हिंदू धर्म, इस्लाम, साम्यवाद और इसकी कट्टरपंथी शाखा नक्सलवाद। इस नवयुग के समय में नेशनलिज्म, समाज सुधार, दर्शन, कला, साहित्य और आध्यात्मिकता की महत्तापूर्ण विरासत का बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ था। ये सभी एक दूसरे के साथ टकरा रहे थे।
रिजल्ट के रूप में, राज्य सभी पहलुओं में क्षयग्रस्त हो गया। बचा क्या था?
द लेफ्ट।
किसी भी दूसरे राज्य में बंगाल जैसी व्यापक, लगातार धार्मिक और राजनीतिक हिंसा नहीं देखी गई है।
बंगाल में विभाजन कभी ख़त्म नहीं हुआ। वहां अभी भी दो राष्ट्र और तीन संविधान हैं।
बंगाल को सहानुभूति और दूरदर्शिता वाले एक सच्चे नेता की जरूरत है जो बंगाल को #IndicRenaissance 2.0 की ओर ले जा सके।
मेरी कमिटमेंट: बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की ज़ुबानी।
Pic 1: नेशनल म्यूजियम
Pic 2: एक बंगाली कलाकार ने मुझे यह गिफ्ट दिया है।”
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के लिए सटीक और अहम जानकारी जुटाने के लिए केरल से कोलकाता और फिर दिल्ली तक लंबी दूरी तय की है। उन्होंने अपनी फिल्म की कहानी में सच्चाई की हर एक परत जोड़ने के लिए असल कहानी वाली एतिहासिक घटाओं से जुड़ी 100 से ज्यादा किताबें और 200 से ज्यादा लेख पढ़ें हैं, जो उनकी फिल्म का आधार है। विवेक रंजन अग्निहोत्री और उनकी टीम ने रिसर्च वर्क के लिए 20 राज्यों की यात्रा की है। इसके अलावा, उन्होंने 7000 से ज्यादा रिसर्च पेजेस और 1000 से ज्यादा आर्काइव्स पर स्टडी की है।
विवेक रंजन अग्निहोत्री, जो देश भर में प्रशंसा और प्यार पाने के बाद, अब अपने आने वाले फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ के जरिए दर्शकों को एक प्रभावशाली सफर पर ले जाने के लिए तैयार हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ की सफलता के बाद, प्रोलिफिक प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल ने एक बार फिर विवेक रंजन अग्निहोत्री के साथ अपने प्रोडक्शन बैनर अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स के तहत ‘द दिल्ली फाइल्स’ के लिए पार्टनरशिप की है।