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अपने लक्ष्य के प्रति मेहनत और लगन से काम करना ही मेरी भक्ति है: प्रियंका तिवारी

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‘देसी देसी ना बोला कर छोरी रे’ हरियाणवी गीत ने लोगों पर अपनी एक अलग ही छवि छोड़ी है और इस मधुर और प्रसिद्ध म्यूजिक एलबम में अभिनेत्री प्रियंका तिवारी का अलग ही अंदाज नज़र आता है। प्रियंका तिवारी ने पंजाबी, हिंदी और अन्य भाषाओं के म्यूजिक एल्बम में काम किया है। साथ ही साथ धारावाहिक, वेबसीरिज और दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी वह काम कर रही है। कई प्रिंट विज्ञापनों में भी प्रियंका एक अलग ही रूप और अंदाज में दिखी है।
प्रियंका तिवारी का जन्म और शिक्षा महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुई है। उन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण कर एयरहोस्टेस के रूप में इंडियन एयरलाइंस में काम भी प्रारंभ किया मगर किस्मत का खेल निराला होता है। उनकी जिंदगी में एक नया टर्निंग प्वाइंट आया और उनका रुझान मॉडलिंग और अभिनय की ओर हुआ। इस पल्लवित वृक्ष का अंकुरण उनकी किशोरावस्था में ही हो गया था। एक बार पुणे में बाल गन्धर्व डांस शो का आयोजन हुआ था उस शो में प्रियंका विजयी रही और उनको अभिनेत्री रेणुका शहाने के हाथों पुरस्कार मिला था और यही से कहीं ना कहीं अभिनय और नृत्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उनके मन में रुचि जागृत हुई थी। अवसर मिलने पर उन्होंने मॉडलिंग से अपने कैरियर कि शुरूआत की। इसके लिये ऑडिशन में कई लड़कियों को पछाड़ कर प्रियंका ने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा।
प्रियंका तिवारी एक प्रतिष्ठित और धार्मिक परिवार से हैं। वह अपने पिता को अपना आदर्श मानती है और उनका प्रभाव भी प्रियंका के ऊपर काफी रहा है। प्रियंका अभिनय के साथ पीआर और सोशल वर्क भी करती है। उनको कुछ नया सीखना और कुछ रोमांचक करना बेहद पसंद है जैसे राइडिंग, पैराग्लाइडिंग, निशानेबाजी आदि। वह किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, सोनू निगम और अरिजीत सिंह के गाने सुनना पसंद करती है। स्मिता पाटिल, सायरा बानो,हेमा मालिनी और साधना उनकी पसंदीदा अभिनेत्री है। उनका अभिनय और सादगी इन्हें प्रभावित करती है।
प्रियंका का कहना है कि अभी युवा वेस्टर्न कल्चर से बहुत प्रभावित हो रहे हैं और अपने देश की कला और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं जबकि हमारी संस्कृति सबसे बेहतर और प्रभावी है। विदेशी संस्कृति की अच्छाईयों का अवश्य अनुसरण करें किंतु उनका अंधा अनुकरण ना करें जिससे आप अपनी संस्कृति और अपना ही अस्तित्व खो देवें। आप स्वयं अपना ओरा ऐसे मजबूत रखो कि लोग आपका अनुसरण करने को इच्छुक हो जावें। प्रियंका अपने काम को ही अपना भगवान मानती है। वह भारतीय संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ाने हेतु प्रयास कर रही है। देश के अलग अलग क्षेत्रों के पहनावे, खानपान, संस्कार, प्रकृति और वहाँ के पर्यावरण के अनोखे रुप को जन जन तक पहुंचाना चाहती है। वह रूप जो अनदेखा और तिलिस्मी चादर में छुपा है वह देश और विदेश के लोगों के हृदय को झंकृत कर दे यही अनोखा कार्य करना चाहती है।
वर्तमान समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म लोगों के घरों तक पहुंचने का सरल माध्यम बन गया है। इस माध्यम के द्वारा वह स्वयं और दूसरों के जीवन में प्रेरणा का स्त्रोत भरने और जीवन को आंनदमयी बनाने की वह कोशिश करना चाहती है। उनका कहना है अपने लक्ष्य के प्रति मेहनत और लगन से काम करना ही मेरी भक्ति है।

  • गायत्री साहू

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